10वीं पास महिलाओं को LIC दे रही 11,000 कमाने का मौका, कमीशन के साथ इंसेंटिव और स्‍टाइपेंड भी मिलेगा


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हरियाणा के पानीपत में LIC बीमा सखी योजना का उद्घाटन किया।

जीवन बीमा निगम (LIC) के अनुसार यह पहल 18 से 70 वर्ष की आयु की 10वीं पास महिलाओं को आर्थिक सहारा देकर सशक्त बनाएगी।


फिनट्राम ग्लोबल एलएलपी के मैनेजमेंट पार्टनर, सीए और यूएस सीपीए पंकज ढींगरा ने कहा, "LIC बीमा सखी योजना न केवल ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी, बल्कि देश के वंचित वर्ग तक बीमा की सुरक्षा को भी पहुंचाएगी।"


  • बीमा सखी योजना में टार्गेट पूरा करने वाली महिलाओं को मिलेगा कमीशन-बेस्ड इनसेंटिव


योजना की विशेषताएं


कमीशन के साथ फिक्‍स स्‍टाइपेंड : महिलाओं को पॉलिसी बेचने पर कमीशन के साथ पहले तीन साल तक एक फिक्‍स स्‍टाइपेंड भी मिलेगा।


प्रशिक्षण सहायता : LIC की ओर से महिला बीमा एजेंटों को ट्रेनिंग दी जाएगी।


योजना से जुड़ने वाली महिलाओं को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। वित्तीय साक्षरता बढ़ाने और बीमा जागरूकता बढ़ाने के लिए पहले तीन वर्षों के दौरान फिक्‍स स्‍टाइपेंड दिया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद महिलाएं LIC एजेंट के रूप में काम कर सकेंगी। इस प्रोग्राम के जरिये जुड़ने वाली महिलाएं, जिन्हें बीमा सखी कहा जाता है, LIC में डेवलपमेंट ऑफिसर बन सकती हैं।


इस स्‍कीम में रजिस्‍ट्रेशन के लिए आवेदकों को उम्र, शैक्षिक योग्यता और पते का प्रमाण देना होगा।


पात्रता की शर्तें


  1. 18 से 70 वर्ष की आयु की महिलाएं।
  2. न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता कक्षा 10 की है।
  3. मौजूदा एजेंटों और कर्मचारियों के रिश्तेदार शामिल नहीं हो सकते। 
  4. रिटायर्ड कर्मचारी पात्र नहीं हैं।


स्‍टाइपेंड और कमीशन


प्रतिभागियों को पहले वर्ष के लिए 48,000 रुपये (बोनस को छोड़कर) का कमीशन मिलेगा। उन्हें मासिक स्‍टाइपेंड भी दिया जाएगा:


  • पहले वर्ष में 7,000 रुपये
  • दूसरे वर्ष में 6,000 रुपये, बशर्ते कि पहले वर्ष में बेची गई कम से कम 65% पॉलिसियां सक्रिय रहें
  • तीसरे वर्ष में 5,000 रुपये, दूसरे वर्ष जैसी ही शर्तों के साथ
  • अपने टार्गेट को पूरा करने वाली महिलाओं को कमीशन-बेस्ड इंसेंटिव मिलेगा। 
  • बीमा सखी योजना से वित्तीय साक्षरता यानी फाइनेंशियल लिट्रेसी में बढ़ोतरी हो सकती है।


फिनहाट के सह-संस्थापक और सीएफओ संदीप कटियार ने कहा, "भारत में इंश्योरेंस की एक्‍सेस अभी भी काफी कम है। इसे बढ़ाने के लिए देश में कई तरह की पहल की जा रही हैं, जिनमें कंपनियां बीमा एजेंटों के प्रशिक्षित समूह बनाने पर खर्च कर रही हैं। इसके जरिये फाइनेंशियल लिट्रेसी बढ़ा कर इंश्‍योरेंस सहित फाइनेंशियल सर्विसेज को समाज अंतिम छोर के लोगों तक पहुंचाया जा सकता।"


उन्होंने कहा, "कोई भी कदम जो वित्तीय साक्षरता और व्यक्तिगत वित्त के बारे में ज्ञान के प्रसार में मदद कर सकता है, वह अधिक से अधिक लोगों को इंश्‍योरेंस कवर लेकर अपने फाइनेंशियल रिस्‍क को बेहतर ढंग से मैनेज करने के लिए प्रेरित करेगा।" ढींगरा ने कहा, "एजेंट और डेवलपमेंट ऑफिसर के रूप में महिलाओं के लिए प्रशिक्षण और करियर के अवसर प्रदान करने पर योजना का फोकस फाइनेंशियल सर्विसेज के क्षेत्र में लॉन्‍ग टर्म इन्क्लूजन की क्षमता को दर्शाता है। वित्तीय जागरूकता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देकर LIC बीमा सखी योजना इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।" 


जी 20 ग्लोबल पार्टनरशिप फॉर फाइनेंशियल इन्क्लूजन (GFPI) के लिए तैयार किए गए वर्ल्‍ड बैंक की एक स्टडी से पता चलता है कि महिलाएं, खासकर कम पढ़ी लिखी महिलाएं, अगर किसी महिला एजेंट के साथ बातचीत कर सकती हैं, तो उनके सवाल पूछने, मदद माँगने और ट्रांजेक्शन करने की संभावना अधिक होती है। रिपोर्ट में कहा गया है, "फाइनेंशियल इंस्‍टीट्यूशन अगर ज्यादा महिला बैंकिंग एजेंट नियुक्त करते हैं, तो उन्हें अधिक महिला ग्राहक मिलेंगे, जो उनकी फाइनेंसियल सर्विसेज का ज्‍यादा इस्‍तेमाल करेंगी।"


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