देश की पटरी पर जल्‍द दौड़ेगी पानी से चलने वाली ‘हाइड्रोजन ट्रेन’


दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में गिनी जाने वाली भारतीय रेलवे आधुनिकता की ओर एक बड़ा कदम उठाते हुए एक नई शुरुआत करने जा रहा है. रेलवे इको फ्रेंडली हाइड्रोजन ट्रेन के साथ एक बड़े बदलाव को ट्रैक पर उतारने के लिए तैयार है. इस ट्रेन को चलाने के लिए डीजल या बिजली की जरूरत नहीं होगी. यह पानी से चलेगी. 


जी हां, '’पानी से चलने वाली" हाइड्रोजन ट्रेन जल्द ही पटरियों पर दौड़ती नजर आएगी. यह भारत के रेल यातायात को एक नए युग में ले जाएगी.  


भारतीय रेलवे की यात्रा भाप इंजन से शुरू हुई, जो कोयले से चलती थी. इसके बाद डीजल इंजन वाली ट्रेनें आईं, जो शक्तिशाली होने के साथ-साथ प्रदूषण भी करती हैं. आज, ज्यादातर ट्रेनें बिजली से चलती हैं, लेकिन इस बिजली को बनाने के लिए अभी भी पावर प्‍लांट्स में ढेर सारे कोयले को जलाना पड़ता है. इस सबके बाद अब भारतीय रेलवे एक नए युग में प्रवेश कर रहा है, जिसमें हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी.

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हाइड्रोजन-ऑक्सीजन से मिलेगा पावर

उन्नत हाइड्रोजन फ्यूल टेक्नोलॉजी के साथ यह ट्रेन भारत में पहली पानी से चलने वाली ट्रेन होगी. यह तकनीक हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को मिलाकर बिजली पैदा करती है, जिससे केवल भाप और पानी ही बाई-प्रोडक्ट के रूप में निकलता है.


दिसंबर में शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट

एक रिपोर्ट के अनुसार इस हाइड्रोजन ट्रेन के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट दिसंबर 2024 में शुरू होने वाला है, जिसमें प्रति घंटे लगभग 40,000 लीटर पानी का उपयोग किया जाएगा. इसके संचालन के लिए डेडिकेटेड वाटर स्टोरेज फैसिलिटी बनाई गई हैं.


35 हाइड्रोजन ट्रेनें शुरू करने की योजना

जानकारी के अनुसार भारतीय रेलवे का लक्ष्य देश भर में हाइड्रोजन से चलने वाली 35 ट्रेनें शुरू करना है. इसके लिए हाइड्रोजन फ्यूल सेल और बेसिक इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर तेजी से स्थापित किया जा रहा है. इसके लिए हाइड्रोजन प्लांट को भी मंजूरी दे दी गई है. रेलवे प्रवक्ता दिलीप कुमार के अनुसार प्रत्येक हाइड्रोजन ट्रेन की लागत लगभग 80 करोड़ रुपये होगी.


140 की होगी रफ्तार

यह अत्याधुनिक ट्रेन डीजल ट्रेनों की तुलना में 60 प्रतिशत कम आवाज करेगी. इसकी यात्रियों को ढोने की क्षमता डीजल ट्रेन के बराबर ही होगी  और 140 यह किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार पर चल सकेगी. एक बार चार्ज करने पर यह 1,000 किलोमीटर तक की यात्रा कर सकती है. इससे यात्रियों को अधिक शांतिपूर्ण और इको फ्रेंडली यात्रा की सुविधा मिलेगी.


कई टूरिस्‍ट रूटों पर चलाने की योजना

पहली हाइड्रोजन ट्रेन हरियाणा में 90 किलोमीटर लंबे जींद-सोनीपत रूट पर चलने की उम्मीद है, साथ ही दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, नीलगिरि माउंटेन रेलवे और कालका-शिमला रेलवे जैसे अन्य टूरिस्‍ट रूटों पर भी भविष्य में इसे लॉन्च करने पर विचार किया जा रहा है.

Indian Railways is going to start hydrogen train running on water




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