यूपी के बेरोजगारों के लिए खुशखबरी : मिलेगी हजारों की कमाई वाले कोर्स की मुफ्त ट्रेनिंग

सेंट-गोबेन जिप्रॉक इंडिया को उत्तर प्रदेश के गोंडा में अपना नया आवासीय प्रशिक्षण केंद्र शुरू कर दिया है। यह भारत के कंस्‍ट्रक्‍शन सेक्‍टर में स्किल डेवलपमेंट के लिए उसकेलॉन्‍ग टर्म कमिटमेंट की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह में जिप्रॉक का 9वां प्रशिक्षण केंद्र है। 

  • उत्तर प्रदेश के गोंडा में जिपरॉक इंडिया ने शुरू किया ड्राईवॉल और फॉल्स सीलिंग स्किल डेवलपमेंट का  प्रशिक्षण केंद्र 

इस पहल का उद्देश्य ड्राईवॉल और फाल्स-सीलिंग ट्रेडों में मुफ़्त, उद्योग-संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करना है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि विविध सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के व्यक्तियों को अपने कौशल को बढ़ाने और अपने रोजगार की संभावनाओं को बेहतर बनाने का अवसर मिले।

जिप्रॉक एक दशक से भी अधिक समय से भारत के निर्माण क्षेत्र में काम कर रही है। इसके साथ ही कंपनी युवाओं को कई तरह की प्रोफेशनल ट्रेनिंग भी दे रही है, ताकि उन्‍हें उद्योग-संबंधित कौशल से लैस किया जा सके। इससे इन युवाओं को जहां रोजगार मिलेगा, वहीं कंस्‍ट्रक्‍शन सेक्‍टर में कुशल श्रमिकों की कमी को पूरा करने भी मदद मिलेगी। 

सेंट-गोबेन इंडिया - जिप्रॉक बिजनेस के मैनेजिंगग डायरेक्‍टर सुदीप कोल्टे ने कंपनी की इस पहल के बारे में बताया 

''इस प्रोग्राम के जरिये हमारी साझेदारी पूरे भारत में कौशल विकास को आगे बढ़ाने के हमारे मिशन पर केंद्रित रही है। गोंडा प्रशिक्षण केंद्र के उद्घाटन के साथ, हम युवाओं को निर्माण उद्योग में सफल होने के लिए स्किल्‍स से लैस करने जा रहे हैं। अपनी ट्रेनिग के जरिये उन्हें विशेष ज्ञान और व्यावहारिक विशेषज्ञता से लैस करके, हम भविष्य के लिए एक कुशल वर्कफोर्स तैयार बनाने में मदद कर रहे हैं जो भारत में रोजगार और बुनियादी ढांचे के विकास का समर्थन करेगा।"

जिप्रॉक देश भर में चल रहे अपने ट्रेनिंग सेंटर्स के जरिये युवाओं को तकनीकी ज्ञान प्रदान करके कंस्‍ट्रक्‍शन सेक्‍टर के लिए वर्कफोर्स तैयार करने में भी भूमिका निभा रही है, जो आधुनिक निर्माण की उभरती जरूरतों के अनुसार काम कर रही है। 

गोंडा प्रशिक्षण केंद्र इस मिशन को और भी मजबूत करने की दिशा में उठाया गया एक और कदम है। यहां बेरोजगार युवाओं ड्राईवॉल और फॉल्स सीलिंग इंस्टॉलेशन की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे वह हर महीने हजारों रुपये की कमाई कर सकेंगे।  

भारत में निर्माण उद्योग के तेजी से विस्तार के साथ, कुशल श्रमिकों की मांग अभी सबसे अधिक है। जिप्रॉक के प्रशिक्षण केंद्र इस मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रशिक्षुओं को व्यापक, व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हो जो उनकी तकनीकी क्षमताओं को निखारता है और उनकी लंबे समय की रोजगार क्षमता को बढ़ाता है। 

जिप्रॉक की ओर से युवाओं को प्रशिक्षण निःशुल्क यानी मुफ्त में प्रदान किया जाता है। यह फ्री ट्रेनिंग प्रोग्राम तरह की सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के युवाओं को रोजगार केअवसर मुहैया कराने के उद्देश्‍य से शुरू किया गया है। इस प्रोग्राम के तहत ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं को नौकरी दिलाने यानी प्लेसमेंट भी कंपनी की ओर से सहायता की जाती है, ताकि उनके लिए एकअच्छे वेतन वाले करियर की राहें खुल सकें।



 

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