नॉर्वे के नागरिक भारतीय मूल के एक व्यापारी का का नाम लेबनान में हुए पेजर धमाकों में आ रहा है. मूल रूप से केरल के वायनाड के रहने वाले जन्मे रिनसन जोस फिलहाल नॉर्वे में अपनी कंपनी चला रहे हैं. वह अपनी पत्नी के साथ नॉर्वे के ओस्लो में रहते हैं.
जोस कथित तौर पर बुल्गारिया में रजिस्टर्ड कंपनी नॉर्टा ग्लोबल के मालिक हैं और माना जाता है कि उन्होंने लेबनान को पेजर विस्फोटकों की सप्लाई की थी. पेजर का निर्माण हंगरी की फर्म बीएसी कंसल्टिंग ने ताइवान की फर्म गोल्ड अपोलो के ट्रेडमार्क के तहत किया था. इन पेजरों को कथित तौर पर नॉर्टा ग्लोबल के जरिये खरीदा गया था.
क्या धमाकों के पीछे जोस का है हाथ ?
हिजबुल्लाह को निशाना बनाकर लेबनान में एक ही समय में किए गए कई पेजर धमाकों में दर्जनों लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हो गए थे. यूके के समाचार पत्र डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार इस बात का कोई संकेत नहीं है कि जोस को पेजर को हाई एक्सप्लोसिव से लैस करने की किसी गुप्त साजिश के बारे में पता था या वह इन पेजर्स के अंतिम खरीदार इजरायल की सुरक्षा सेवाओं के साथ सहयोग कर रहा था.
अखबार ने बताया कि शेल कंपनी नोर्टा ग्लोबल लिमिटेड बुडापेस्ट में एक अपार्टमेंट बिल्डिंग में रजिस्टर्ड है, जिसमें करीब 200 अन्य कंपनियों के भी दफ्तर हैं. लेबनान विस्फोटों से जोस के संबंधों की खबरें सामने आने के बाद शुक्रवार को उनके रिश्तेदारों ने कहा कि उन्हें जोस पर पूरा भरोसा है और वह लेबनान पेजर विस्फोटों में शामिल नहीं हो सकते.
आईएएनएस ने जोस के एक रिश्तेदार थैंकचेन के हवाले से कहा कि हम रोजाना फोन पर बात करते हैं. पिछले तीन दिनों से हमारा जोस से कोई संपर्क नहीं है. जोस एक सीधे-सादे व्यक्ति हैं और हमें उन पर पूरा भरोसा है. वे किसी भी गलत काम में शामिल नहीं हो सकते. हो सकता है कि उन्हें इस मामले में फंसाया गया हो.
थैंकचेन ने कहा कि उनका जो की पत्नी से भी कई दिनों से कोई संपर्क नहीं है. कुछ साल पहले, जोस हायर एजुकेशन के लिए नॉर्वे गए थे. ओस्लो लौटने से पहले उन्होंने कुछ समय के लिए लंदन में काम किया था. अपनी खुद की फर्म चलाने के अलावा जोस ओस्लो में भी काम करते हैं और उनका एक जुड़वां भाई भी लंदन में रहता है. इस बीच वायनाड में जोस के एक पड़ोसी ने भी कहा कि वह जोस को लंबे समय से जानता है और उसका मानना है कि वह बहुत अच्छा व्यक्ति है.
कौन है विस्फोट के पीछे?
ताइवान और बुल्गारिया के अधिकारियों ने लेबनान में हिज़्बुल्लाह को निशाना बना कर किए गए पेजर धमाकों के लिए पेजरों की सप्लाई में शामिल होने से इनकार किया. लेबनान में हुए इन सिलसिलेवार धमाकों में 37 लोगों की मौत हो गई और लगभग 3,000 लोग घायल हो गए.
इन पेजरों में विस्फोटक कैसे और कब डाला गया और किस तरह दूर से विस्फोट को अंजाम दिया गया, यह बात अब तक एक रहस्य बनी हुई है. इसके जवाब की तलाश लेबनान से लेकर ताइवान, बुल्गारिया, नॉर्वे और रोमानिया तक में की जा रही हैं. शुरुआती रिपोर्टों में यह बात सामने आई कि पेजर विस्फोटों के लिए इजराइल जिम्मेदार था, जिसने दोनों पक्षों के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच यह दांव चला था. हालांकि इजराइल ने अब तक इन हमलों पर सीधे तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
ताइवान और बुल्गारिया का हाथ?
ताइवान की कंपनी गोल्ड अपोलो ने इस सप्ताह कहा कि उसने हमले में इस्तेमाल किए गए उपकरणों का निर्माण नहीं किया था. हंगरी स्थित कंपनी बीएसी, जिसके पेजर का पता लगाया गया था, उसके पास उसके ब्रांड का उपयोग करने का लाइसेंस था. ताइवान के अर्थव्यवस्था मंत्री कुओ ज्यह-हुई ने संवाददाताओं से कहा, "धमाकों को अंजाम देने वाले कंपोनेंट मुख्य रूप से लो-एंड आईसी (इंटीग्रेटेड सर्किट) और बैटरी हैं."
बृहस्पतिवार को स्थानीय मीडिया में इस बारे में खबरें आने के बाद बुल्गारिया भी जांच का केंद्र बिंदु बन गया . क्योंकि इन रिपोर्ट्स में बुल्गारिया के सोफिया स्थित कंपनी नॉर्टा ग्लोबल लिमिटेड पेजर बेचने में शामिल होने की बात कही गई थी. हालांकि, बुल्गारिया की सुरक्षा एजेंसी DANS ने शुक्रवार को कहा कि उसने "पुख्ता तौर पर " यह बात पता लगा ली है कि लेबनान हमले में इस्तेमाल किए गए किसी भी पेजर को बुल्गारिया में आयात, निर्यात या बनाया नहीं गया था.
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